shayari for her – हैलो दोस्तों शायरी की महफ़िल मे आपका स्वागत है “दिल की बात लफ्जों में बयां होती है – आईए ,शायरी की दुनिया में आपका ताहे दिल से स्वागत है इसी तरह और काई तरह की अलग अलग शायरी सुनने ,पढ़ने के लिए हमारी website पे visit करे ।
मैं अल्फ़ाज़ हूँ तेरा हर बात समझता हूँ,
मैं एहसास हूँ तेरे जज़्बात समझता हूँ,
कब पूछा मैने की क्यूँ डोर हो गयीं मुझसे,
मैं दिल रखता हूँ तेरे हालात समझता हूँ.
सुनो सुनो गौर से यह शेर है मेने सुनाया
सुनो सुनो गौर से यह शेर है मेने सुनाया
टीवी में दिखता है लेकिन कोई किसी को छु नही सकता .
ज़िंदगी को खूबसूरती और ज़िंदादिली के साथ जीना है तो,
हर पल को महसूस कीजिये,
ईश्वर को दिल से धन्यवाद दीजिये कि,
उपहार मे दिया हुआ उनका ये पल,
आपके लिए एक अनमोल तोहफा है,
जो सिर्फ आपको मिला है |
फूलों के दामन मैं छुपे होते हैं काँटे,
मुस्कुराहट जाने कितनी साज़िशों को है छुपाए.
दोस्त बन कर दागा देता आया है यह ज़माना,
डोर बोहोत डोर अब हुमको है जाना.
नसिबके के खेल भी अजीब होते हैं,
सच्चे दिल वालो को आँसू ही नसीब होते हैं.
कौन होना चाहता है आपनो से दूर,
पर अक्सर छूट जाते है जो करीब होते हैं.
खुदा आप क सारे गम रेत पर लिख दे ताकि हवा से ही मिट जाएँ,
और
खुशिया पत्थर पर लिख दे ताकि हवा तो क्या बारिश भी ना मिटा सके.
किस की मज़ाल कोई टोक ले.
किस की मज़ाल कोई रोक ले.
बेकूफ़ इश्क़ की हे यह दस्ता.
बेपरवाह इश्क़ के हे यह रास्ता.
खूबसूरत क्या कह दिया उनको हमको छोड कर वो शीशे की हो गई, तराशा नहीं था तो पत्थर जैसी थी, तराश दिया तो खुदा हो गई.. …
महफ़िल मैं कुछ तो सुनना पड़ता है,
गम छुपाकर मुस्कुराना पड़ता है,
कभी उनके हम भी थे दोस्त,
आज कल उन्हे याद दिलाना पड़ता है |
बिना गम के ख़ुशी का पता कैसे चलेगा; बिना रोंए हुए, हंसी का मज़ा कैसे मिलेगा; जो उसे करता हैं, उसे वही जानता है; अगर हम जान गए तो, उसे खुदा कौन कहेगा!
जाने किन रास्तों पर मेरे सपने भटक गये
सदियों की तलाश मे लम्हे भटक गये
आये रक़ीब, मेरे दिलबर का ख़याल रखना
अपनी तन्हाई मे हम अब खुद मे भटक गये
करोगे याद एक दिन साथ बीते ज़माने को
चले जाएँगे जिस दिन हम कभी वापस ना आने को
करेगा महफ़िल में ज़िक्र हमारा कोई तो,
चले जाओगे तन्हाई में आँसू बहाने को.
पसंद आई हे चाहत हज़ारो मे
उनकी, कुछ तो ज़रूर बात हे
निगाहू मे उनकी, दिल की गाहेराई
को वो कैसे महसूस करे, हमने तो
समाया हे हर पल यादो मे उनकी.

तुम मौसम मौसम लगते हो, जो पल पल रंग बदलते हो, तुम सावन सावन लगते हो, जो बरसो बाद बरसते हो,
कुछ लोग भूल कर भी भुलाए नही जाते
ऐतबार इतना है की आज़माए नही जाते
हो जाते हैं दिल मे इस तरह शामिल की
उनके ख़याल दिल से मिटाए नही जाते..
कोई तीर जेसा, जिगर के पार हुआ
हैं, जाने क्यू दिल इतना,
बेक़रार हुआ हैं कभी देखा
नही मैने तुझे, फिर भी क्यू ए
अजनबी एस कदर तुमसे प्यार हुआ ह.
बड़ी आसानी से दिल लगाए जाते हैं
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं
ले जाती है मोहब्बत उन राहो पर
जहा दिए नही दिल जलाए जाते हैं
कों कहता है मोहबत की ज़ुबान
होती है, होंटो क बिना खुले
ही हक़ीकत बया होती ह इश्क़ वो
खुदाई हैं मेरे दोस्त जो लफ़जो
से नही आँखो से बया होती है.
प्यार बारिश की बूंधो की तरह है,
जिसे छुने की ख्वाइश में,
हथेलिया तो गीली हो जाती हैं,
पर हाथ हमेशा खाली ही रहती हैं .
तेरे होंठों पे जो काँप रहा है,
वो नाम मेरा ही तो है.
धड़कन में जो तेरी गूँज रहा है,
वो नाम मेरा ही तो है.
दीवाना हू तेरा इनकार नही,
कैसे कह डू के प्यार नही,
कुछ शरारत तो तेरी नज़रों मैं भी थी,
मैं अकेला ही गुनाहगार नही.
सुनके जिसको पलके तेरी झुक जाती है,
वो नाम मेरा ही तो है.
दिल पे तेरे जो नाम लिखा है,
वो नाम मेरा ही तो है.

किस्मत के हाथो वो ह मजबूर होते हे
जो हक़ीक़त से बहुत दूर होते हे
अक्सर सज़ा मिलती है उनको
जो हर तरफ से बेकसूर होते ह..!!
यह तेरा इंतेहा है जिस से तुझे गुज़रना है
देखना यह है ज़ोर-ए-बर्दाश्त कितना है
होगा सुर्ख-रू तेरा इंतेज़ार, सबर बन कर
क्योकी खोने के बाद ही कुछ मिलता है.
हो गयी शाम किसी के इंतेजार में,
ढल गयी रात उसी के इंतेजार में,
फिर होगा सवेरा उसी के इंतेजार में,
इंतेजार की आदत पड गयी है इंतेजार में?
इस दुनिया से उम्मीद-ए-वफ़ा मत रखना,
लूट जाओगे दरवाज़ा खुला मत रखना,
खुआिश है अगर”ज़न्नत”मे जाने की तो अपने
“मा-बाप”को अपने से कभी जुड़ा मत रखना….!
किसी को अपना बनाने मे देर लगती है,
किया हुआ वादा निभाने मे देर लगती है,
प्यार तो पल भर मे हो जाता है,
पर उन्हे भूलने मे सारी उमर भी कम पड जाती हैं…
काग़ज़ की कश्ती थी नदी का किनारा था
खेलने की मस्ती थी दिल यह आवारा था
कहाँ आ गये इस समझदारी की दलदल में
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था!!
बीते हुए कल क किससे याद रखते ही
टूटे हुए दिल क हिस्से पास रखते ही
मुझे शायर से शराबी बनाने वाले
हम तेरे टूटे जाम के सिशे भी साथ रखते हे
भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है
सपनो की दुनिया अजीब लगती है,
झूठी ही सही पर हर खुशी नसीब तो होती है,
बेशक आते है सपने कुछ पल के लिए ,
पर इन पलो मे “जन्नत” कितनी करीब होती है .
काटे नही कटते हैं लम्हे इंतेज़ार के
नज़रें जमा के बैठे हैं रास्ते पे यार के
दिल ने कहा देखें जो जलवे हुस्न-ए-यार के
लाया है कौन इनको, फलक से उतार के
शायर तो हम है शायरी बना देंगे
आपको शायरी मे क़ैद कर लेंगे
कभी सूनाओ हम अपनी आवाज़
आपकी आवाज़ को हम गज़ल बना देंगे…

कोई राज़ ऐसे होते हैं जो दिखाए नही जाते
कोई किससे ऐसे होते हैं जो सुनाए नही जाते
कोई दिल ऐसे होते हैं जो तोड़े नही जाते
और कुछ आप जैसे दोस्त ऐसे होते हैं जो छोड़ो नही जाते.
तम्मना से नही तन्हाई से डरते हैं
प्यार से नही रुसवाई से डरते हैं
मिलने की तो बहुत चाहत है मगर
मिलने के बाद जुदाई से डरते हैं .
जाम से इतनी नफ़रत ना करो के
कभी पीना पढ़े तो पिई ना सको,
किसी से इतनी मोहब्बत ना करो क
कभी तन्हा जीना पढ़े तो जी ना सको…
तेरी उलफत को कभी नाकाम ना होने देंगे
तेरी दोस्ती को कभी बदनाम ना होने देंगे
मेरी ज़िंदगी मैं सूरज निकले ना निकले
तेरी ज़िंदगी मैं कभी शाम ना होने देंगे…
हमे जीने नही देती है ये गुज़री हुई यादें
हमसे भूली नही जाती है ये बीती हुई बातें
अब कैसे कहें हम तुमसे ये दोस्त तेरी बातें
हमे हर पल याद दिलाता है तेरी हर छोटी छोटी बातें.
दुआ के लिए जब हाथ उठाए गा
खाली हाथ ना लौट कर आए गा
होती है हर दुआ दरबार-ए-रहमत में
लेकिन तू उसको समज ना पाए गा.
किसी के दिल में बसना बुरा तो नही
किसी को दिल में बसाना ख़ाता तो नही
हैं ये ज़माने की नज़र मे बुरा तो किये हुआ
ज़माने वेल भी इंसान है खुदा तो नही..
ये आरज़ू थी की ऐसा भी कुछ हुआ होता,
मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता,
मैं लौट आता तेरे पास एक लम्हे मे,
तेरे लाबोअँ ने मेरा नाम तो लिया होता..!

मेरे हालत ने कर दिया था मुझे खामोश
मेरे हालत ने कर दिया था मुझे खामोश
ए दोस्त…
हम ज़रा चुप क्या हुए तुमने तो याद करना ही छोड़ दिया.
दोस्तो के लिए ये दोस्ती की सौगात होगी,
नये लोग होंगे नयी बात होगी,
हम हर हाल मे मुस्कुराते रहेंगे,
अगर तुम्हारी दोस्ती हुमारे साथ होगी.
प्यार की आँच से तो पत्थर भी पिघल जाता है,
सच्चे दिल से साथ दे तो नसीब भी बदल जाता है,
प्यार की राहों पर मिल जाए सच्चा हमसफ़र,
तो कितना भी गिरा हुआ इंसान भी संभाल जाता है…
हो गयी शाम किसी के इंतेजार में,
ढल गयी रात उसी के इंतेजार में,
फिर होगा सवेरा उसी के इंतेजार में,
इंतेजार की आदत पद गयी है इंतेजार में…
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आशा है आपको हमारी शायरी पसंद आई होगी “शब्द यही थमते है ,पर जज़्बातों का सफर जारी रहेगा”।।
धन्यवाद,