Shayari List
Sharab Shayari – welcome दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस न्यू शायरी की दुनिया में यहा आपको कुछ अलग शायरी पढ़ने को मिलेगी आज जिसे देख के आप शायरी मे खो जाएंगे और इसी तरह हमरी शायरी को रोज पढ़ने के लिए वेबसाईट पे आते रहे और अपने शराबी दोस्तों को जरूर शेयर करे ।।
बहुत अमीर होती है ये शराब की बोतले,
पैसा चाहे जो भी लग जाए,
सारे गम खरीद लेती है।
रातें हैं बूंदों की मिठास से भरी,
शराबी दिल की कहानियों में खो जाता है,
गिला है चांदनी से,
रौशनी में छुपा,
शराबी आँधी से भी तुफानी हो जाता है।
शराबी इलजाम शराब को देता है,
आशिक इलजाम शबाब को देता है,
कोई नहीं करता कबूल अपनी भूल,
कांटा भी इलजाम गुलाब को देता है !!
हर जाम में छुपा है एक अधूरा अफसाना

शराब के जाम में छुपी है तेरी कहानी,
हर घूंट में बस तुझसे जुदाई की निशानी।
यारो कहा मैं शौख से पीता हूँ ! गम भुलाने के लिए होश से पीता हूँ
! मत कहिये मुझसे शराब छोड़ने के लिए ! शराब पीता हु तभी तो जीता हूँ !!
सोचा था कुछ और लेकिन हुआ कुछ और,
इसीलिए ये भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर !
मोहब्बत से गुज़रा हूँ, अब मेह्खाने में जाना है,
दोनों का असर एक ही है,
बस होश ही तो गवाना है।
जाम तो यू ही बदनाम है यारों कभी इश्क करके देखो या तो पीना भूल जाओगे,
या फिर पी-पी के जीना भूल जाओगे !
एक वक्त था जब तेरी आँखों से पी कर जीते थे,
लाख बुरे थे लेकिन शराब कभी नहीं पीते थे
यूँ तो ना थी जनम से पीने की आदत,
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गये
जाम उठाया है तो ज़ख्म भी भर लेंगे

शराब में डूबा हूँ, पर नशे में नहीं,
ये जाम तो बस तेरी यादें कम करने की कोशिश है।
परदा तो होश वालों से किया जाता है
हुजूर तुम बेनकाब चले आओ हम तो नशे में हैं !
एक बार टूट जाए दिल तो,
फिर ना किसी से मोहब्बत दुबारा होती है,
जब आए उस बेवफा की याद तो,
फिर जीने का शराब ही सहारा होती है !
शराब से बातें की है रात भर,
दिल ने आज फिर बगावत की है रात भर।
नशा हम किया करते हैं, इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है,
जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं !
पीता हूँ जितनी उतनी ही बढ़ती है तिश्नगी,
साक़ी ने जैसे प्यास मिला दी हो शराब में।
कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर,
तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ
नशे में आज फिर से दिल बहला रहे हैं,
शराब से तेरे दर्द को यूं भुला रहे हैं
जाम खाली हो जाए तो बात नहीं,

मेंखाना ऐ- हस्ती में अक्सर, हम अपना ठिकाना भूल गए,
या होश से जाना भूल गए, या होश में आना भूल गए।
कुछ तो शराफत सीख लो, इश्क़ – ऐ – शराब से,
हर बोतल पर लिखा तो होता है, मैं जानलेवा हूँ।
जाम पीने का मजा जिंदगी जीने से जादा हैं,
अगर इसे न पिया तो जिंदगी जीने का मजा क्या हैं !
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है !
मजा तो तब ही आये पीने का यारो,
शराब हम पियें और नशा उनको हो जाए !
शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है,
पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है।
बूंद-बूंद में छुपा है राज़ ए दिल,शराबी हूँ मैं,
हर खुमार में है कहानी.रातें हैं मेरी साकी,
तारों से सजी,दिल की दहलीजों में हर राज़ है पहली।
उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर,
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं !
“शराब कम थी, यादें ज़्यादा!

ये ना पूछ मैं शराबी क्यूँ हुआ बस यूँ समझ ले,
गमों के बोझ से नशे की बोतल सस्ती लगी
कभी मोहब्बत में थे हम, अब शराब में हैं,
दिल का हाल बस इन्हीं प्यालों में है।
तू डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में,
जब तक वो न निकले मेरे ख्यालों से
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