Ishq shayari in hindi 2025

intro – हैलो आज मे आपके साथ बेस्ट इश्क शायरी शेयर करेंगे इसमें आप

काई तरह की शयरी पढ़ सकते है ऑर आपको हमारी शयरी पसंद आती है तो उसे अप अपने दोस्तों ऑर dears के साथ शेयर कर सकतें है आशा है आपको हमारी शयरी पसंद आई होगी ।

सारा गुनाह इश्क़ का, उसपे ही डाल दो
मुज़रिम उसे बनाकर मुसीबत को ताल दो
ये चमन जहाँ खिला एक फूल मुस्कुराता
उसे तोड़कर रकीबों की तरफ उछाल दो .

सोचा था इस क़दर उन्हे भूल जाएँगे,
देख कर भी अनदेखा कर जाएँगे,
पर जब जब आया सामने उसका चेहरा…
सोचा इस बार देखलेते हे, अगली बार भूल जाएँगे….!

दिल की आवाज़ को इज़हार कहते हैं,
झुकी निगाह को इक़रार कहते हैं,
सिर्फ़ पाने का नाम इश्क़ नहीं,
कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं

सजते दिल मे तराने बहुत है,
ज़िंदगी जीने के बहाने बहुत है,
आप सदा मुस्कुराते र्हइए,
आपकी मुस्कुराहट के दीवाने बहुत है…

मैं मार जौन तो मेरा जिस्म जला देना,
लेकिन उसमे से दिल निकल लेना,
मुझे परवाह नही जलनेकी,
मुझे परवाह है उसमे रहने वेल की…

ishq shayari in hindi

वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए

दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
में हूँ बेवफा सबको बेताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लाभों पे मेरा नाम तो आया…!

अछा हुआ मालूम हो गया, अपनो की मोहब्बत अब
मोहब्बत नही रही….
वरना हम तो अपना घर भी चोर्ड रहे थे, उनके
दिल मैं रहने के लिए….

लोगों से सुनते थे मोहब्बत के अफ़साने
खुवाब हम ने भी देखहे थे सुहाने
प्यार क्या है ?
हम अक्सर सोचते थे
इस बात से हम अपने दिल को रोकते थे
लेकिन अब तुम्हाइन इस दिल मैं बसा कर
यह ख़ाता एक बार करना चाहता है

ऐसा लगता है मुझे तू रातभर सोयी नहीं
खा कसम मेरी कि तू रातभर रोयी नहीं
बन गयी है जुल्फें तेरी उजड़ी-उजड़ी सी बहार
आँधियों में घिर के भी तू चमन से गई नहीं

आए बारिश ज़रा थम के बरस,
जब मेरा यार आ जाए तो जूम के बरस,
पहले ना बरस को वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वो जा ना सके…..

दास्तान-ए-इश्क़ मैं सबको सुनती चली गयी;
वो धाते रहे सितम मैं मुस्कुराती चली गयी;
ना थी मुझे परवाह कोई, ना था किसी का दर;
गमों के सैलबों से मैं यूँ ही टकराती चली गयी!

तेरी मोहब्बत में गिरफ्तार हो गया.
ना जाने कियों तुम से प्यार हो गया.
कोई है दिल जो धड़कता है मेरे लिए,
उस धड़कन पे मैं निस्सार हो गया.

तमन्ना-ए-इश्क़ तो हम भी रखते है,
किसिके दिल्मे हम भी धड़कते है,
ना जाने हमे वो कब मिलेंगे,
जिनके लिए हम तड़प्ते है…         

एक ही तमन्ना है इस फकीर के पास’
मेरी तस्वीर लगाना अपनी तस्वीर के पास’
जब लोग देखे उसे तो ये कहे ‘देखो..
रांझा कैसे बैठा है अपनी हीर के पास

कौन काहेता ही तुमसे जुदाई होगी.
ये अफवाहें किसी और ने फेयैलेयी होगी
शान से रहें गे तुमहरे दिल में हम
एटने दीनौन में हम ने कुछ तो जगह बनाई होगी.

कौन काहेता ही तुमसे जुदाई होगी.
ये अफवाहें किसी और ने फेयैलेयी होगी
शान से रहें गे तुमहरे दिल में हम
एटने दीनौन में हम ने कुछ तो जगह बनाई होगी.

कौन काहेता ही तुमसे जुदाई होगी.
ये अफवाहें किसी और ने फेयैलेयी होगी
शान से रहें गे तुमहरे दिल में हम
एटने दीनौन में हम ने कुछ तो जगह बनाई होगी.

किताब-ए-इश्क़ में जीतने अल्फ़ाज़ लिखे हैं,
दिल में मेरे उठने एहसास रखे हैं.
तुम कह-कर देखते सितंगर, ज़ालिम…
मेरे लबों पर कितने तेरे नाम रखे हैं.

सोलहवाँ साल बीता है जाने कबके
कई रूत आके गुजरी है दुख देकर
एक नई रात दुख की घिर आई है
आज फिर बिखर जाएगा कजरा बहकर

दो कदम चलने के लिए साथ माँगा है,
बस पल दो पल के लिए प्यार माँगा है,
हम समझते हैं उसकी मजबूरियो को,
इसलिए उसे उसकी मजबूरियो के साथ माँगा है.

ये तेरा ज़ुल्म है या तकदीर के सीताम है
कैसे तुम्हे बताए कितने उदास हम है.
तुफ्फान मई घीरे है मिलते नही किनारे
जिनको समझा थे अपना अब वही नही हमारे !

काफ़ी है हुस्न दिल को बहलाने के लिए,
मोहब्बत कार्लो दिल को दुखाने के लिए,
चाहे भले परे घूम से वास्ता,
एक हम जैसा दोस्त रखना सब घामों को भूलने क लिए

कभी हँसता है प्यार, कभी रुलाता है प्यार;
हर पल की याद दिलाता है यह प्यार;
चाहो या न चाहो पर आपके होने का एहसास दिलाता है ये प्यार;

मैं डूबा तो किनारे पे खड़ी थी दुनिया,
हासणे वालों मे मेरा मुक़द्दर भी शामिल था…
रो रहा था जो जनाज़े से लिपटकर मेरे,
कैसे कह दू के वही मेरा क़ातिल था….

काश मैं एस एम एस  होता एक क्लिक मे तुम्हारे पास तो होता,
भले तुम मुझे डेलीट कर लेते
पर कुछ पल के लिए तुमहरा एहसास तो होता…

ऐसा कोई ज़िंदागीसे वाडा तो नही था,
तेरे बिना जीने का कोई इरादा तो नही था,
जाने कब टूटी डोर मेरे ख्वाबोंकि,
ख्वाब से जागेंगे ये सोचा तो नही था…

एक तक़लीफ़ उमड़ती है मेरे सीने में
अरे बेदर्द आता है क्यूँ आँसू बनकर
आज सँवरी हूं आईने में बस तेरे लिए
आज फिर बिखर जाएगा कजरा बहकर

साँसे रुक सी जाती हे लेकिन जान नही जाती,
दर्द बहोत होता हे पर आवाज़ नही आती.
ग़ज़ब के लोग बस्ते हे इस दुनिया मे,
कोई किसी को भुला नही पाता और किसी को याद नही आती.

देनेवाले दे ही देंगे, जान छोटी चीज है
रू-ब-रू तेरे हर एक सामां छोटी चीज है ,
मेरे दिल पे छा गया है इश्क का ऐसा जुनून
अब जिंदगी का अरमां छोटी चीज है .

जो भी दुनिया में मुहब्बत पे जाँनिसार करे
ऐसे दीवाने से आखिर क्यूँ कोई प्यार करे

रेत प्यासा सा तड़पता है हर साहिल पे
कितनी सदियों से वो लहरों का इंतजार करे

पठार की है दुनिया, जज़्बात नही समजती,
दिल मे क्या है वो बात नई संजती,
तन्हा तो चाँद ब है सितारो के बीच,
मगर चाँद का दर्द बेवफा रात नही समझती

अब भी आता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ;
लोग जल जल कर ख़ाक हुए जाते हैं;
उड़ता है दिल से जैसे धुआँ;
बस वो छूने से ही राख हुए जाते है।

मिलके नज़रसे नज़र लूट लेंगे,
ये बेवफा जलवे जिगर लूट लेंगे,
हसीणोपे हरगिज़ भरोसा ना करना,
खुदकी कसम ये घरके घर लूट लेंगे…

एक वादा था मेरे हर वादे के पीछे,
मई मिलूँगा तुज़से हर गली, हर दरवाज़ा के पीछे.
पर तुम ने ही मुदके ना देखा..
एक और जनाज़ा था तेरे जनसे के पीछे”

इश्क की बेमिसाल मूरत हो आप,
मेरी ज़िंदगी की एक ज़रूरत हो आप,
फूल तो बहोत प्यारे होते ही हे,
पर फूलो से भी बहोत खूबसूरत हो आप.

अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता!
तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता!
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का!
वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता!

मेरे जज़्बात मेरी पहचान है वो;
मेरी जूसतजू मेरी शान है वो;
लोग कहते हैं भुला दूं मैं उसे;
पर कैसे भुला दूं यारो इस सीने मे धड़कट्ी जान है वो!

एक पल में जो गुज़र जाए यह हवा
का वो झोका है और कुछ नही;
प्यार कहती है दुनिया जिसे
एक रंगीन धोखा है और कुछ नही!

Leave a Comment