Shayari List
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आपसे रोज़ मिलने को दिल चाहता है,
कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है,
था आपके मनाने का अंदाज़ ऐसा,
कि फिर रूठ जाने को दिल चाहता है।
फिर वही दिल की गुज़ारिश,
फिर वही उनका ग़ुरूर, फिर वही उनकी शरारत,
फिर वही मेरा कुसूर।
मेरे लबों का तबस्सुम तो सबने देख लिया,
जो दिल पे बीत रही है वो कोई क्या जाने।
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुश्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है।
मुझ को मज़ा है छेड़ का दिल मानता नहीं,
गाली सुने बगैर सितमगर कहे बगैर।
मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से क्या मतलब?
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है।
जब दिल रोता है, तो कलम बोलती है.

उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं है,
ये दिल उसका है अपना होता तो और बात होती।
उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं है,
ये दिल उसका है अपना होता तो और बात होती।
दिल मजबूर हो रहा है तुम से बात करने को बस जिद ये है कि बात की शुरुआत तुम करो।
हमने किस्सा बहुत कहा दिल का,
न सुना तुमने माजरा दिल का।
हाल-ए-दिल तो खुल चुका है हर शख्स पर,
हाँ मगर इस शहर में इक बेखबर भी देखा है।
काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा,
रास्ते बंद हैं सब कूचा-ए-क़ातिल के सिवा।
हजारों ना-मुकम्मल हसरतों के बोझ तले,
ऐ दिल! तेरी हिम्मत है, जो तू धड़कता है।
अगर इश्क़ गुनाह है तो गुनाहगार है खुदा,
जिसने बनाया दिल किसी पर आने के लिए।
किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी,
हमारी चीज थी हमने जहाँ जानी वहाँ रख दी,
जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो,
जरा सी चीज़ थी हमने न जाने कहाँ रख दी।
अच्छी सूरत पे गजब टूट के आना दिल का,
याद आता है हमें हाय ज़माना दिल का,
इन हसीनों का लड़कपन ही रहे या अल्लाह,
होश आता है तो याद आता है सताना दिल का।
कुछ ठोकरों के बाद नजाकत आ गई मुझ में,
अब दिल के मशवरों पे मैं भरोसा नहीं करता।
दिल की बात लफ़्ज़ों में पिरोकर

एक हसरत थी कि कभी वो भी हमें मनाये,
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नहीं।
अनजाने में ये दिल न जाने क्या कर बैठा,
मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा,
इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता,
और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा।
मुमकिन अगर हो सके तो वापस कर दो,
बिना दिल के अब हमारा दिल नहीं लगता।
खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से,
तुम जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से।
आप पहलू में जो बैठें तो संभल कर बैठें,
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की।
इस छोटे से दिल में किस किस को जगह दूँ मैं,
ग़म रहे, दम रहे, फरियाद रहे या तेरी याद।
सौ बार कहा दिल से चल भुल भी जा उसको।
हर बार कहा दिल ने तुम दिल से नही कहते।
न पूछ दिल की हकीक़त मगर ये कहता है,
वो भी बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया।
“दिल के जज़्बात, ग़ज़लों की सौगात

अगर ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो,
दिल तो अक्सर एक दूसरे से भर जाते हैं।
अब जिसके जी में आये वही पाये रौशनी
, हमने तो दिल जला कर सरेआम रख दिया।
सोचता हूँ कि तेरे दिल में उतर के देखूँ,
कौन बसा है जो मुझे बसने नहीं देता
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता दे ये माजरा क्या है।
कमी मुझ में तो बस इतनी सी है मेरे दोस्तों,
हाल-ए-दिल अपना सभी को सुना देता हूँ,
मालूम है मुझको कि कोई साथ नहीं देता,
फिर भी दिल से सबको अपना बना लेता हूँ।
दिल के लिये हयात का पैगाम बन गईं,
बेचैनियाँ सिमट के तेरा नाम बन गईं।
मुझे जिस दम खयाले-नर्गिसे-मस्ताना आता है,
बड़ी मुश्किल से काबू में दिले-दीवाना आता है।
मानता ही नहीं कमबख्त दिल उसे चाहने से,
मैं हाथ जोड़ता हूँ तो ये गले पड़ जाता है।
दिल एक है तो कई बार क्यों लगाया जाये,
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
देख लेते जो मेरे दिल की परेशानी को,
आप बैठे हुए ज़ुल्फ़ें न सँवारा करते।
मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो,
दिल बैचैन है बहुत कहीं तुम उदास तो नहीं।
बहुत आसान है पहचान इसकी,
अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है।
कुछ लफ्ज़, कुछ जज़्बात और बहुत सा एहसास

काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता,
ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता।
शहर-ए-एहसास में पथराव बहुत हैं मोहसिन,
दिल को शीशे के झरोखों में सजाया न करो।
रूकता भी नहीं ठीक से चलता भी नहीं,
यह दिल है कि तेरे बाद सँभलता ही नहीं।
बुत भी रखे हैं नमाजें भी अदा होती हैं दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है
अब जिस तरफ से चाहे गुजर जाए कारवाँ,
वीरानियाँ तो सब मेरे दिल में उतर गईं।
राज़-ए-उल्फत छुपा के देख लिया,
दिल बहुत अपना जला के देख लिया,
और क्या देखने को बाकी है अब,
आपसे दिल लगा के देख लिया।
आँसू नहीं हैं आँख में लेकिन तेरे बगैर,
तूफान छुपे हुए हैं दिले-बेकरार में।
हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गये,
हम समंदर से भी गहरे हो गये।
तुझे सोचूं तो पहलू से सरक जाता है दिल मेरा,
मैं दिल पे हाथ रखकर धड़कनों को थाम लेता हूँ।
तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओं को,
बाकी सारी बातें अच्छी है तेरी तस्वीर में।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद। हमें उम्मीद है कि हमारी वेबसाइट पर बिताया गया आपका हर पल उपयोगी और आनंददायक रहा होगा। फिर से मिलने की आशा के साथ — धन्यवाद!”