क्यों इश्क को बदनाम करते हो ए दुनिया वालों, अगर महबूब तुम्हारा बेवफा है तो कसूर इश्क का कहां।
ए-सनम जिक्र बेवफाई का जब भी आता है, याद तुम्हारी आती है और आंखों से आंसू निकल जाते हैं !
इश्क के सपनों का वो हर मीठा लम्हा गुजर गया, तेरा प्यार झूठा था वादे करके मुकर गया !
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या गम है जिस को छुपा रहे हो !
बदलते लोग बदलते रिश्ते और बदलता मौसम, चाहे दिखाई ना दें पर महसूस जरूर होते हैं।
आज के जमाने का ट्रेंड बन गया है, झूठा प्यार और झूठा इकरार !
रिश्तों को सफल बनाने के लिए केवल, यकीन करना सीखो शक तो सारि दुनिया करती है !
मोहब्बत में हमसे क्या खता हुई, हमे मालूम नही, क्यो हमसे वो जुदा हुई मालूम नही !!
कितना बुरा लगता है जब बादल हो और बारिश ना हो, जब आंखे हो और ख्वाब ना हो, जब कोई अपना हो और कोई पास ना हो !
दर्द होता है ये जानकर कि तुम्हारे पास सबके लिए वक्त है, बस मुझे छोड़कर ।
हमने मजाक में क्या कहा कि छोड़ दो मेरा साथ, वो झटक कर हमारा हाथ चल दिए।
हजारों आशिक इश्क की खातिर इश्क के रास्ते पर फना हो गए, इक मेरी मुहब्बत में न जाने क्या कमी रह गई वो बेवफा हो गई ।
न कसमें खाओ तुम किसी पर जान लुटाने की, यहां अपने ही भूल जाते हैं वादे करने के बाद।
किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे लिख लेते हो , मैंने कहा दिल तोड़ना पड़ता है लफ्जों को जोड़ने से पहले ।
बहुत नाज था इस नासमझ दिल को, तुम्हारे प्यार पर कमबख्त बेवफाई झेल, नहीं पाया और टूट कर बिखर गया !
झूठा था तेरा प्यार और झूठे थे तुम, ये सच समझने को न जाने कितने विश्वासों ने आत्महत्या कर ली।
बहुत अजीब होती है ये मुहब्बत भी, बेवफाई करो तो रोते हैं और वफा करो तो रुलाते हैं।
कड़वाहटें भी जरुरी है रिश्तों में, कौन साथ रहने की कोशिश करता है कौन नहीं पता चल जाता है।
बहुत इज्जत करता हूँ मैं अपने दुश्मनों की, क्युकी बहुत कुछ सीखा मैं इनसे ठोकर खा कर !!
मेरे प्यार को तुम क्या समझोगे ए दोस्त, वो हमसे वफा सीखते रहे किसी और का साथ निभाने के लिए।
ये दुनिया दिखावे की बनी हुई है, यहाँ अपने तो असली में हैं, पर उनका अपनापन दिखावे का है !
सच्चे प्यार की कदर कहाँ है इस दुनियाँ में, यहां हर कोई अपना फायदा सोचकर रिश्ता बनाता हैं।
कुछ करना ही है तो वफा करो ए-मेरे-दोस्त, बेवफाई तो सबने की है मजबूरी के नाम पर !
कभी मुझ को साथ लेकर कभी मेरे साथ चल कर, वो बदल गया अचानक मेरी जिंदगी बदल कर ।
मेरे टूटे दिल का हाल जानने वो फिर लौट आए, जख्म फिर हरे हो गए और हाल बेहाल हो गया।
इश्क मुहब्बत क्या है अब न रहा मालूम, बस तुम्हारी याद आती है तो आंसू नहीं रुकते !