True two lines shayari

True two lines shayari

हैलो दोस्तों अप सभी का स्वागत है हमारी एक नई शायरी में जिस पढ़ कर आप को
याचा लगेगा और आपकी पसंद की सारी शायरी आपको यही पे मिलेगी तो आप यह आकर
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इस दिल को कभी वो सुकून मिला ही नहीं,
तो कैसे हम किसी से वो जख्म अदा कर पाएंगे !

कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं,
दिल भर जाता है तो लोग रूठ जाया करते हैं।

खुदा या नाखुदा अब जिसको चाहो बख्श दो इज्जत,
हकीकत में तो कश्ती इत्तिफाकन बच गई अपनी।

ऐसा नही की आपकी याद आती नही,
खता सिर्फ इतनी है के हम बताते नही !

नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे,
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते !

फासले इस कदर हैं आजकल रिश्तों में,
जैसे कोई घर खरीदा हो किश्तों में।

मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
यार अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना।

सितम तो ये है कि ज़ालिम सुखन-सनास नहीं,
वो एक शख्स जो शायर बना गया मुझको।

दौड़ में दौलत की तुम्हें जो भी मुक़ाम मिल जाये,
नाम बदल देना मेरा जो इत्मिनान मिल जाये।

शेर-ओ-सुखन क्या कोई बच्चों का खेल है?
जल जातीं हैं जवानियाँ लफ़्ज़ों की आग में।

भरे बाजार से अक्सर मैं खाली हाथ आया हूँ,
कभी ख्वाहिश नहीं होती कभी पैसे नहीं होते।

चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है,
वरना बेचैन तो हर शख्स ज़माने भर का है।

अहमियत यहाँ हैसियत को मिलती है,
हम है कि अपने जज्बात लिए फिरते हैं।

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गजब की थी !

वो आज फिर से मिले अजनबी बनकर,
और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई !

सुना है अब भी मेरे हाथ की लकीरों में,
नजूमियों को मुक़द्दर दिखाई देता है।

उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगों की तरह हम,
वक़्त की टहनी पर हैं परिंदों की तरह हम।

मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी,
अब मैं उन्हें खुश भी ना देखूं तो मोहब्बत कैसी !

शायद कोई तराश कर मेरी किस्मत संवार दे,
यह सोच कर हम उम्र भर पत्थर बने रहे।

रस्ते कहाँ खत्म होते हैं जिंदगी के सफर में,
मंज़िल तो वही है जहां ख्वाहिशें थम जाएँ।

फूल बनने की खुशी में मुस्कुरायी थी कली,
क्या खबर थी ये तबस्सुम मौत का पैगाम है।

सुक्रिया दोस्तों आशा है आपको हमारी शायरी बेहद पसंद आई होगी
हमारी शायरी को जायद से जयद लोगों तक शेयर करे और इससी तरह बार बार आकार पढे

धन्यवाद ,।।

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