chai pe hindi shayari for instagram 2025

chai pe charcha – शायरी के इस हसीन संसार में आपका दिल से स्वागत है — जहाँ हर अल्फ़ाज़ जज़्बातों चाय की खुशबू लिए हुए है, और हर पंक्ति दिल की गहराइयों को छू जाती है। यहाँ मोहब्बत है चाय से , तन्हाई है चाय से , जज़्बात हैं और वो हर एहसास है चाय से , जिसे शब्दों में बयाँ करना एक फ़न है।आईए चाय से भरी इस शायरी की दुनिया में ।।

अमीरी और गरीबी नहीं देखती साहब,
ये चाय है सबको एक सा सुकून देती है !

चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है,
जो मुझे सांवला अच्छा लगता है !

भारत में चाय सस्ती है,
तभी तो लोगों के दिल में बस्ती है

लोगो ने दारु को तो यूँही बदनाम किया है,
असली नसा तो चाय पीने में है

उसने पुछा चाय में कितनी चीनी लोगे,
हमने कहा, एक घुट पी कर दे दीजिये

मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे

सारे गमों की दवा लाया हु, बैठो दोस्तों
, एक एक कप चाय लाया हूँ

वो पल भी कोई पल है,
जिस पल तेरा एहसास ना हो,


वो चाय फिर चाय कैसी,
जिसमें तेरे होठों सी मिठास ना हो !

उस चाय से भरे प्याले में बस कमी थी,
तो उसके इश्क करने वाले हाथों की !

यादों में आप और हाथ में चाय हो,
फिर उस सुबह की क्या बात हो !

वो फिदा मुझपर और मैं फिदा उसकी हाथो की चाय पर।

चाय दूसरी एसी चीज़ है, जिससे आंखें खुलती है,
धोखा अभी भी पहले नम्बर पर है

चाय के नशे का आलम तो कुछ,
यह है गालिब कोई राई भी दे,
तो अदरक वाली बोल देते हैं !


किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय,
हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !


बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने,
चाय ठंडी होती गई और आँखे नम !


मन के थकान को दूर करती है चाय,
स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ !


ये गरम चाय तो यूं ही बदनाम है,
कलेजा तो आपकी बेरुखी से जलता है !


इक चाय सा नशा है तुझमे भी यारा,
सुबह होते ही तुमारी तलब लग जाती है !


चाय सी होती जा रही हो तुम,
जितना पीयू उतना कम है।

मैं बन जाऊंचाय की पत्ती,
तुम बन जाओ शक्कर के दाने,


कोई तो मिलाएगा हमें चाय पीने के बहाने !
जिंदगी वही लोग जीते है,
जो 3 वक्त की चाय पीते है।


चाय में इलायची की अलग इज्जत है,
हर किसी की चाय में नहीं डाली जाती।


ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है !


हलके में मत लेना तुम सावले रंग को,
दूध से कहीं ज्यादा देखे हैं शौकीन मैंने चाय के !


ये जो चाय से इतनी मोहब्बत है,
कसम से ये सब तुम्हारी बदौलत है !


जब ये लब चाय और तेरे लबों को छू लेते है,
तो हम एक पल में सदियां जी लेते है !!


चाय की लत कहा लगती है साहब,
हम तो उसे मोहब्बत की तरह पीते है।


इश्क में दर्द का होना लाजमी है,
क्योंकि बिना चीनी की चाय फीकी लगती है !


ना किसी की सलाह और ना किसी की राय चाहिए,
बस एक अच्छा मौसम और एक कप चाय चाहिए।

आपका दिल से शुक्रिया — आपने हमारे जज़्बातों से भरे अल्फ़ाज़ों को अपना वक़्त दिया। हमें ख़ुशी है कि हमारी शायरी ने आपके दिल को छुआ। लौटिएगा ज़रूर. आशा है आपको हमारी शायरी पसंद आई होगी धन्यवाद ।।

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