दूर हमसे जी पाओगे कैसे,
हुमको भूल पाओगे कैसे,
हम हे खुश्बू जो साँसों में उतार जाए,
खुद अपनी सांसो को रोक पाओगे कैसे..
वफा पे मिटने वालों का
मैने अंजाम जो देखा के
वफा ही छोड़ दी मैने
ना जागते हुवे ख्वाब देखा करो,
ना चाहो उसे जिसे पा ना सको,
प्यार कहा किसिका पूरा होता है,
प्यार का पहला अक्षर अधूरा होता है…ह सिंदूर है राम नाम का
दूर हूमसे जेया पओगे कैसे,
हुमको भूल पओगे कैसे.
हम व्हो खुशबू हैं जो सानसों में उतार जाए,
खुद अपनी साँक्षोण को रोक पओगे कैसे.
तेरे दिल में मेरी साँसों को जगह मिल जाए,
तेरे इश्क़ में मेरी जान फ़ना हो जाए,
अधूरी साँस थी धड़कन अधूरी थी अधूरे हम,
मगर अब चाँद पूरा हैं फलक पे और अब पूरे हैं हम
अक्षय कुमार इन अब तुम्हारे हवाले वाटन साथियो
हुंसे वो झूट बोलकर शर्मा रहे है क्यूँ … थोड़ी बहुत झूट की आदत सभी को हैहै
आज मैं कितनी आज़ादी महसूस कर रहा हूँ,
जिस्म जैसे माँगे करना भूल गया,
मन तड़पना–तड़पाना भूल गया,
जीवन आज जैसे मुट्ठी मे है , मौत जैसे एक खेल है!
फूल खिलते है बहारों का समा होता है
ऐसे मौसम में ही तो प्यार जवान होता है
दिल की बातों को होठों से नही कहते,
ये फसाना तो निगाहों से बयान होता है .
तेरे दिल में मेरी साँसों को जगह मिल जाए,
तेरे इश्क़ में मेरी जान फ़ना हो जाए.
अधूरी साँस थी धड़कन अधूरी थी अधूरे हम,
मगर अब चाँद पूरा है फलक पे और अब पुर हैं हम.
आग सूरज में होती है ,
जालना धरती को पडता है.
मोहब्बात आंखेन करती हैं ,
तडपणा दिल को पडता है
जो हॅशर हुआ है लाखों का, अपना भी वो अंजाम सही … हम पे तो कही इल्ज़ाम लगे, तुझपर भी कोई इल्ज़ाम सही
पहले तो अपनी दिल की रज़ा जान जाइए …
फिर जो निगाह-ए-यार कहे मान जाइए …
कुछ कह रही है आपके सीने की धड़कने …
मेरी सुनिए तो दिल का कहा मान जाइए
कल तक जो अजनबी था,
दिल आज उससी को चाहता है,
ज़िंदगी देने वाले तुझपे,
मरजाने को जी चाहता है .
काटे नहीं काट ते लम्हे इंतेज़ार के,
नज़रें बिछएँ बैठे हैं रास्ते पे यार के,
दिल ने कहा देखे जो जलवे हुसने यार के,
लाया हैं उन्हे कौन फलक से उतार के…
आंखेन तो प्यार मे दिलकी झुबान होती है,
सच्ची चाहात तो सदा बेझुबन होती है.
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घाबराना,
सुना है दर्द से चाहात और जवान होती है.
मैने तेरा नमक खाया है इसलिए
तेरी नज़रों में नमक हराम ज़रूर हूँ
लेकिन जिसने यह नमक बनाया है
उसकी नज़रों में नमक हराम नही हूँ.
दिल के छालों को कोई शायरी कहे,
तो दर्द नही होता
तकलीफ़ तो तब होती है,
जब लोग वा-वा करते हैं
गर्मिये हसरत के नाकाम से जलते है,
हम चिरगों की तरह शाम से जलते है,
जब आता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
ना जानो क्यों लोग हमारे नाम से जलते है .
खुदा ने जब तुझे बनाया होगा,
एक सुरूर सा उसके दिल मे आया होगा,
सोचा होगा क्या दूँगा तोहफे मे तुझे,
तब जाके उसने मुझे बनाया होगा…
दूर हमसे जी पाओगे कैसे,
हुमको भूल पाओगे कैसे,
हम हे खुश्बू जो साँसों में उतार जाए,
खुद अपनी सांसो को रोक पाओगे कैसे..
ए खुदा आज ये फ़ैसला कर्दे,
उसे मेरा या मुझे उसका कर्दे.
बहुत दुख सहे हे मैने,
कोई ख़ुसी अब तो मुक़दार कर्दे.
बहोट मुस्किल लगता है उससे दूउर रहना,
जुदाई के सफ़र को कूम कर्दे.
जितना दूउर चले गये वो मुझसे,
उसे उतना करीब कर्दे.
नही लिखा अगर नसीब मे उसका नाम,
तो ख़तम कर ये ज़िंदगी और मुझे फ़ना कर्दे.
दूर हुंसे जेया पाओगे कैसे,
हुमको भूल पाओगे कैसे.
हम हू खुश्बू जो साँसों में उतार जाए,
खुद अपनी साँसों को रोक पाओगे कैसे..